बिजनेस और नौकरी में क्या अंतर है, Business aur naukari me kya antar hai

जब व्यक्ति इनकम के बारे में सोचता है तो उसके मन में सबसे पहले यह विचार जरूर आता है कि आखिर क्या काम किया जाए, कोई बिजनेस किया जाएगा कोई नौकरी की जाए, Business aur naukari me kya antar hai, और हमारे लिए क्या बेहतर रहेगा तो ऐसे में आपको पूरी तरह से कोई गाइड नहीं कर सकता है, क्योंकि दोनों के अलग-अलग रिक्वायरमेंट्स होते हैं जिन्हें हर किसी के लिए कर पाना संभव नहीं होता है, तो ऐसे में आपकी परिस्थिति सुनिश्चित करें कि आपके लिए कोई नौकरी ठीक रहेगी या कोई बिजनेस, क्योंकि दोनों के अपने-अपने फायदे और रिस्क है और यह आप पर निर्भर करता है कि आप कितना भी फायदा लेना चाहते हैं, या कितना अधिक रिस्क उठाना चाहते हैं और आपको पता होना चाहिए की, रिस्क जितना बड़ा होता है सफलता भी उतनी बड़ी ही मिलती है, Business aur naukari me kya antar hai.

Naukari aur business me kya antar hai

डिग्री

बिजनेस – बिजनेस में किसी भी डिग्री की जरूरत नहीं होती है इसलिए यदि आपने ज्यादा स्टडी नहीं की है, तो भी आप बिजनेस स्टार्ट कर सकते हैं और आप बिजनेस किस तक जाएगा ये आपके सोचने और समझने और कार्य करने के तरीके पर निर्भर करेगा, लेकिन यदि आपने अच्छी खासी डिग्री हासिल की है और बिजनेस करना चाहते हैं तो उम्मीद की जा सकती है कि आप अपने बिजनेस को ज्यादा बेहतर तरीके से कर सकते हैं, क्योंकि स्टडी के बाद माइंड को एक अलग इन्वायरमेंट मिल जाता है जिससे कि हमारे सोचने और समझने की क्षमता बढ़ जाती है।

नौकरी – नौकरी करने के लिए हमेशा आपको किसी ने किसी डिग्री की जरूरत पड़ेगी यदि आप किसी फैक्ट्री में जाते हैं, जिसमें लोहे वगैरह का काम चलता है तो भले ही आप को किसी डिग्री की जरूरत ना पड़े, लेकिन यदि आप किसी अच्छे खासे पद पर काम करना चाहते हैं तो आपको डिग्री की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि आपको यह सत्यापित करना रहता है कि आपने किस चीज की पढ़ाई की है, और आपको जो काम दिया जा रहा है आप उसे कर सकते हैं या नहीं, यह तो बात हो गई प्राइवेट नौकरी कि यदि आप प्राइवेट नौकरी करना चाहते हैं तो कुछ नौकरियां ऐसी भी होती है जिसमें आपको बिना डिग्री के भी जॉब मिल जाएगी, लेकिन यदि सरकारी नौकरी की बात की जाए तो इस समय बिना पढ़ाई के आपको कोई भी सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी।

इन्वेस्टमेंट

बिजनेस – भले ही आप की मौजूदा स्थिति कितनी भी नाजुक क्यों ना हो लेकिन यदि आप बिजनेस करना चाहते हैं, तो आपको इन्वेस्टमेंट जरूर करना पड़ेगा कोई भी बिजनेस बिना इन्वेस्टमेंट किए नहीं किया जा सकता है, और यदि आप कोई बड़ा बिजनेस प्लान कर रहे हैं तो आपको काफी ज्यादा इन्वेस्टमेंट की जरूरत पड़ सकती है, बहुत से ऐसे लोग भी होते हैं जो कि अपना बिजनेस स्टार्ट करने के लिए काफी भारी भरकम रकम लोन के तौर पर भी लेते हैं, और बिजनेस में इन्वेस्टमेंट के समय काफी ज्यादा रिस्क भी रहता है कि बिजनेस का रिजल्ट कैसा होगा।

नौकरी – नौकरी करने के लिए आपको किसी प्रकार की इन्वेस्टमेंट की जरूरत नहीं होती है, बल्कि किसी कंपनी में जाकर डायरेक्ट जॉब हासिल की जा सकती है, हालांकि वह जॉब आपको मिलती है या नहीं मिलती है यह अलग बात है लेकिन आप चाहे जो भी जॉब करना चाहते हैं, आपको किसी भी जॉब में इन्वेस्टमेंट नहीं करना पड़ेगा, हां लेकिन आपको खुद को नौकरी के लिए तैयार करने के लिए इन्वेस्टमेंट करना पड़ेगा, क्योंकि उसके लिए अच्छी खासी पढ़ाई करनी पड़ेगी जिसमें आपको काफी ज्यादा रकम खर्च करनी पड़ सकती है, लेकिन नौकरी हासिल करने के लिए आपको कोई भी इन्वेस्टमेंट नहीं करना पड़ेगा।

कार्य करने का समय

बिजनेस – एक बिजनेसमैन का कार्य करने का समय फिक्स नहीं रहता है कि उस बिजनेसमैन को कितनी देर कार्य करना पड़ सकता है, और एक बिजनेसमैन अपने बिजनेस के स्टार्टिंग में बहुत अधिक कार्य करता है क्योंकि उसे सारे के सारे काम खुद ही संभालने होते हैं, और उसे जीरो से भी स्टार्ट करना होता है और सारे रिस्क भी झेलने पड़ते हैं, लेकिन यदि एक बार बिजनेस अच्छा खासा चलने लगता है तो एक बिजनेसमैन के पास समय कि कोई भी पाबंदी नहीं होती है, लेकिन ड्यूटी पर ना होते हुए भी एक बिजनेसमैन को उसके बिजनेस के बारे में हमेशा सोचना होता है फिर चाहे वो घर पर हो या बाहर, दिन हो या रात, journey पर हो या आराम पर, क्योंकि उसे अपने बिजनेस को मेंटेन करके भी रखना होता है और आगे भी पढ़ना होता है।

नौकरी – जबकि वही नौकरी में बिजनेस का होता है जब आप कोई नौकरी ज्वाइन करते हैं तब से ही आपका समय फिक्स कर दिया जाता है, कि आपको कितने घंटे कार्य करना है और शुरुआत में भी आपका समय फिक्स रहता है, और आप चाहे जितने साल नौकरी कर लें तब भी आपका समय फिक्स ही रहता है कि आपको कितने घंटे कार्य करना है यानी की नौकरी में आप जब काम करेंगे तब आपको पैसे मिलेंगे, और उस फिक्स किए गए समय के दौरान ही कार्य करने होते हैं, उसके बाद उसे किसी भी प्रकार का नौकरी से रिलेटेड टेंशन नहीं रहता है की उसकी कंपनी की ग्रोथ कैसे होगी, कंपनी को आगे कैसे बढ़ाया जाए इत्यादि, क्योंकि उसे एक फिक्स काम दिया गया होता है जिसे उसे हर दिन करना होता है।

किसी भी समय कोई भी निर्णय

बिजनेस – एक बिजनेसमैन अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए कभी भी कोई भी निर्णय ले सकता है, क्योंकि एक बिजनेस तभी आगे बढ़ता है जब ओनर सही समय पर सही निर्णय लेता है, क्योंकि यदि कोई भी बिजनेसमैन हमेशा अपने एक ही नियम और कानून पर चलता रहेगा, अपनी कंपनी को बढ़ाने के बारे में विचार नहीं करेगा और उचित निर्णय नहीं लेगा तो उसको बहुत नुकसान हो सकता है, इसलिए एक बिजनेसमैन के लिए सही समय पर सही निर्णय लेना बहुत जरूरी होता है और उससे पहले काफी ज्यादा विचार-विमर्श भी करना जरूरी होता है, क्योंकि यदि एक बिजनेसमैन गलती से भी कोई गलत निर्णय ले लेता है तो उसको बहुत नुकसान झेलना पड़ सकता है।

नौकरी – एक एंप्लॉय अपनी मर्जी से कोई भी निर्णय नहीं ले सकता है हां लेकिन यदि उसे उसके काम में कोई गड़बड़ी दिखाई देती है, या उसमें इंप्रूवमेंट किया जा सकता है तो सबसे पहले उसे अपने सीनियर को उस बारे में बताना होगा, तो उसके सीनियर द्वारा उसमें कोई निर्णय लिया जा सकता है, फिर चाहे वो मैटर कितना भी बड़ा है कितना भी छोटा क्यों ना हो।

सही निर्णय और गाइडेंस

बिजनेस – एक बिजनेसमैन को अपने कार्य करने के नियम को खुद बनाना पड़ता है खुद सही निर्णय लेना होता है, और वह भी सही समय पर और उचित इन्वेस्टमेंट करना होता है और अपनी टीम को भी सही तरीके से गाइड करना होता है, ताकि उनकी टीम अच्छे से परफॉर्म कर सके और उनका बिजनेस अत्यधिक तेजी से बढ़े

नौकरी – एक एंप्लॉय को खुद से कोई भी निर्णय नहीं लेना होता है और उनके सीनियर द्वारा दिए गए इंस्ट्रक्शंस के आधार पर ही उन्हें कार्य करना होता है, और यदि कोई एंलाई कोई निर्णय लेना चाहता है तो सबसे पहले उसे अपने सीनियर को उस बारे में सूचित करना होगा

कमाई की सीमा (incomes)

बिजनेस – एक बिजनेसमैन के इनकम की कोई भी लिमिट नहीं होती है वह अपने बिजनेस को जितना ज्यादा बढ़ता जाएगा, उसकी इनकम उतनी ही ज्यादा बढ़ती जाएगी, हालांकि बिजनेस को बढ़ाने पर उसके खर्च भी बढ़ जाएंगे क्योंकि उसे अपने बिजनेस को संभालने के लिए अधिक एंप्लोई को हायर करने की जरूरत पड़ेगी।

नौकरी – नौकरी में ज्यादातर इनकम फिक्स रहती है और जब कोई भी व्यक्ति नौकरी ज्वाइन करता है तो काफी कम सैलरी पर जॉइन करता है, और उसका एक्सपीरियंस पढ़ने के साथ-साथ उसके सैलरी भी बढ़ती है, लेकिन इसमें यह भी मैटर करता है कि वह किस इंडस्ट्री में कार्य कर रहा है, और यदि सैलरी बढ़ती भी है तो एक निश्चित सीमा तक बढ़ोतरी होती है, और यदि आपका प्रमोशन होता है तो भी बढ़ोतरी होती है लेकिन एक निश्चित सीमा के तहत होती है।

तेजी से ग्रोथ की संभावना

बिजनेस – एक बिजनेसमैन अपने बिजनेस को अपने मन मुताबिक चला सकता है और उसके सही निर्णय का नतीजा उसके बिजनेस को बहुत ही तेजी से आगे ले जा सकता है, जिससे कि वह बहुत ही कम समय में आगे पहुंच सकता है लेकिन ऐसा हर किसी के लिए भी कर पाना संभव नहीं होता है, लेकिन यदि तेजी से ग्रोथ की बात हो तो बिजनेस में ग्रोथ के चांसेस ज्यादा होते हैं और इसकी कोई भी निश्चित सीमा नहीं होती है, आप अपने बिजनेस को जितना भी आगे ले जाना चाहे ले जा सकते हैं।

नौकरी – नौकरी में आपको आपका एक फिक्स काम दिया जाता है जिसको आपको हर दिन करना होता है, जबकि कंपनी की ग्रोथ के बारे में कंपनी के मुख्य मेंबर्स को सोचना होता है, और कंपनी में आपकी भी ग्रोथ हो सकती है लेकिन इसके लिए आपको अच्छे से मेहनत करना होगा, ताकि कंपनी आपके मेहनत को देखकर आपको प्रमोट करे।

इस लेख से आपने सीखा Job aur business me kya antar hai हमें उम्मीद है ये जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यदि आपको ये लेख पसंद आया तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें ताकि वो भी जानकारी हासिल कर सकें की Business aur naukari me kya antar hai। और यदि आपको इस लेख से रिलेटेड कोई समस्या है तो आप कमेंट में उस बारे में पूंछ सकते हैं, जल्द से जल्द रिप्लाई देने का प्रयास किया जाएगा।