पासवर्ड और ओटीपी में क्या अंतर है, Password aur OTP me kya antar hai

पासवर्ड और ओटीपी दोनों ही सुरक्षा के उद्देश्य से इस्तेमाल किए जाते हैं, जिससे उपयोगकर्ता के अकाउंट सुरक्षित रहते हैं।  Password aur OTP me kya antar hai, लेकिन पासवर्ड और ओटीपी दोनों का इस्तेमाल अलग-अलग कंडीशन में किया जाता है। और खासकर ओटीपी वेरीफिकेशन के उद्देश्य से किया जाता है। जबकि पासवर्ड का इस्तेमाल मुख्य रूप से अकाउंट के लिए सेट किया जाता है, या फिर आप पासवर्ड को चाबी भी कह सकते हैं। Password aur OTP me kya antar hai।

Password aur OTP me kya antar hai

पासवर्ड और ओटीपी दोनों ही बहुत संवेदनशील कंटेंट है। क्योंकि इनके लीक होने से आपके अकाउंट के एक होने की समस्या हो सकती है। क्योंकि पासवर्ड और ओटीपी दोनों ही लॉगिन और वेरिफिकेशन के उद्देश्य से इस्तेमाल किए जाते हैं। जिससे कि किसी मोबाइल नंबर ईमेल अकाउंट या बैंक अकाउंट इत्यादि का वेरिफिकेशन किया जाता है। या अन्य विभिन्न प्रकार की प्रक्रियाओं के वेरिफिकेशन के लिए भी ओटीपी और पासवर्ड का इस्तेमाल किया जाता है।

पासवर्ड एक ऐसा कोड होता है, जिससे आप अपनी इच्छा अनुसार अपने अकाउंट के लिए सेट कर सकते हैं। फिर आप उसे कितना छोटा है, कितना बड़ा या फिर उसमें कौन सा कैरेक्टर या सिंबल शामिल करना चाहते हैं, यह आप पर निर्भर करता है। लेकिन ओटीपी एक ऐसा कोड होता है, जोकि किसी कंपनी द्वारा आपको आपके मोबाइल नंबर पर वेरिफिकेशन या लॉगइन के उद्देश्य से भेजा जाता है।

एक पासवर्ड का इस्तेमाल कभी भी अपने अकाउंट में इंटर करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन एक ओटीपी का का इस्तेमाल सिर्फ एक बार किया जा सकता है। और उस ओटीपी का इस्तेमाल किया जाए या ना किया जाए उस कंपनी द्वारा सेट किए गए समय के अंदर वह ओटीपी एक्सपायर हो जाता है। ज्यादातर कंपनियां और डीपी का एक्सपायरी समय 10 से 15 मिनट तक के रखते हैं।

पासवर्ड की लंबाई 10, 12, 15 या अधिक कैरेक्टर की हो सकती है। लेकिन ओटीपी के कोड में केवल चार से 6 या फिर अधिकतम 8 अंक शामिल होते हैं। जिसमें मुख्य रुप से न्यूमेरिकल होते हैं।

ओटीपी की प्रक्रिया कंप्यूटर प्रोग्राम के रेंडम कोड जेनरेशन सिद्धांत पर कार्य करता है। जबकि ओटीपी को मैनुअली बनाया जाता है, क्योंकि ओटीपी हमेशा ऑटो जेनरेटेड होती है, जोकि कंप्यूटर प्रोग्राम द्वारा जनरेट होती है। जबकि ज्यादातर पासवर्ड मैनुअली बनाए जाते हैं, लेकिन कुछ कंपनियां या कुछ कंप्यूटर प्रोग्राम पासवर्ड को भी ऑटोजेनरेट करते हैं।

ओटीपी और पासवर्ड में एक सबसे बड़ा अंतर यह होता है। कि पासवर्ड के बजाय ओटीपी बेस्ट वेरिफिकेशन में किसी भी प्रकार की त्रुटियों या हैकिंग की समस्याओं से बच सकते हैं। क्योंकि जब हम किसी भी वेबसाइट पर अपना अकाउंट बनाते हैं, तो हमारे अकाउंट का एक पासवर्ड और हमारा मोबाइल नंबर या ईमेल फिक्स होता है। और वह तब तक फिक्स रहता है जब तक हम उसे बदलते नहीं है। लेकिन ओटीपी इससे बिल्कुल अलग है। और प्रत्येक समय ओटीपी अलग-अलग होती है। जब आप कभी भी अपने अकाउंट का वेरिफिकेशन करना चाहेंगे, तो आपको एक नई ओटीपी प्राप्त होगी। और उसकी वैलिडिटी सिर्फ 10 से 15 मिनट तक की होगी।

यदि आप एक से अधिक वेबसाइट एप्लीकेशन इत्यादि पर अकाउंट मैनेज करते हैं। तो हो सकता है कि पासवर्ड भूल जाएं। या फिर कन्फ्यूजन हो जाए, आपने किस वेबसाइट पर कौन सा पासवर्ड इस्तेमाल किया था। लेकिन यदि वही ओटीपी बेस्ट वेरिफिकेशन होता है, तो किसी भी तरह की कन्फ्यूजन की गुंजाइश नहीं रहती है। क्योंकि सभी प्रकार के वेरिफिकेशन के लिए अलग-अलग ओटीपी प्राप्त होती है।

ओटीपी का सबसे बड़ा नुकसान यह है, कि यदि आपके पास आपका मोबाइल नंबर नहीं है, तो आपको ओटीपी नंबर हासिल करने में समस्या हो सकती है। जबकि पासवर्ड को आप सिर्फ याद रख सकते हैं। और उसे कभी भी कहीं भी इस्तेमाल कर सकते हैं। उसके लिए आपके पास लॉगिन करते समय मोबाइल नंबर आपके पास होना जरूरी नहीं है।

ओटीपी को याद रखने की जरूरत नहीं होती है, जबकि पासवर्ड को याद करके अभी कहीं नोट करके रखने की जरूरत होती है। क्योंकि एक ही पासवर्ड हमेशा कार्य करता है, जबकि एक ओटीपी सिर्फ एक बार कार्य करती है।

इस लेख में आपने सीखा OTP aur password me kya antar hai। हमें उम्मीद है ये जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यदि आपको ये लेख पसंद आया तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें ताकि वो भी जानकारी हासिल कर सकें की Password aur OTP me kya antar hai। और यदि आपको इस लेख से रिलेटेड कोई समस्या है तो आप कमेंट में उस बारे में पूंछ सकते हैं, जल्द से जल्द रिप्लाई देने का प्रयास किया जाएगा।