पेन सभी students के life का एक अहम हिस्सा होता है पेन ना सिर्फ students की life का अहम हिस्सा होता है. Pen ka matlab kya hota hai, बल्कि पेन student life के बाद भी अधिकतर लोगों की एक सबसे अहम जरुरत होती है हालाँकि इस time तो technology की वजह से computer का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए Pen की जरुरत कम हो गयी है लेकिन सिर्फ कम हुयी है और सिर्फ कुछ ही जगहों पर और जिन जगहों पर computer से काम होता है उसका मतलब ये नहीं होता है की वहां Pen नहीं use किया जाता है बल्कि Pen का इस्तेमाल किया जाता है। Kalam kya hai, Pen ka matlab kya hai।
लेकिन हाँ most task computer से ही होते हैं इसलिए पेन की recuirement कम होती है और ये उचित भी है क्यूंकि पेन से register किया गया कोई note, text ढूंढनें में changes करने time लग जाता है जबकि computer पर ये सब सिर्फ कुछ ही seconds में हो जाता है।
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भले ही technology कितनीं भी बढ़ जाये लेकिन Pen का इस्तेमाल बंद हो जाये ऐसा possible नहीं है क्यूंकि पेन लिखने का primary method है, और कुछ समय पहले हम book के बारे में बता चुके ।
वैसे तो आधिकारिक रूप से पेन का कोई पूर्ण रूप नहीं होता पेन एक पूर्ण रूप है जिसका हिंदी में मतलब होता है कलम, Pen को हिंदी में कलम कहते हैं लेकिन शहरों और अधिक विकसित इलाकों में लोग कलम नहीं जानते हैं क्यूंकि इस समय हर जगह Pen का english word यानीं की Pen ही use किया जाता है।
Pen kya hai, Pen ka matlab kya hota hai in Hindi
पेन एक लेखनी है यानीं की एक writing tool जिसका इस्तेमाल किसी text को लिखनें के लिए किया जाता है पेन से सिर्फ लोगों के द्वारा manually किये जानें वाले कार्य किये जाते हैं पेन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल students के द्वारा किया जाता है क्यूंकि Pen, copy और book ही student की life के सच्चे साथी होते हैं।
एक student का अधिकतर समय इन्हीं के साथ व्यतीत होता है, modern पेन बहुत ही lite होती हैं और साथ में बहुत अच्छी performance देती हैं लेकिन पहले ऐसा नहीं था क्यूंकि पहले ये modern पेन मौजूद नहीं होते थे और लिखनें के लिए विभिन्न प्रकार के tools इस्तेमाल किये जाते थे।
पेन history
यदि आपकी age 25 के आसपास इससे अधिक है तो आपको बहुत प्रकार की Pens के बार में जरूर पता होगा लेकिन यदि आपकी age कम है तो शायद आपको इस बारे में कोई भी idea नहीं होगा क्यूंकि धीरे धीरे modern पेन का दुनियाभर में इस्तेमाल होने लगा और बाकी अन्य writing method (Pen) का पतन हो गया।
और उनमें से सबसे पुराने पेन में शामिल है natural चीजों के पेन
खड़िया (चॉक)
एक समय था जब teacher और student दोनों ही खड़िया का इस्तेमाल करते थे और उस time students के पास copy के स्थान पर लकड़ी की तख्ती हुवा करती थी जिसको सभी copy की तरह use करते थे चूंकि खड़िया (एक विशेष प्रकार की मिट्टी) से लिखा जाता इसलिए उसे मिटाकर अगला note उसी पर किया जाता था वैसे तो लकड़ी की तख्ती का तो पूरी तरह से पतन हो गया है क्यूंकि उसका स्थान modern copies ने ले लिया है लेकिन खड़िया का इस्तेमाल अभी भी किया जाता है और वो भी सिर्फ teachers द्वारा ताकि students को teach किया जा सके।
वैसे तो अब अधिकतर जगहों पर blackboard + खड़िया के स्थान पर whiteboard + marker का इस्तेमाल होता है इसलिए शायद कुछ वर्षों में खड़िया का भी पतन हो जायेगा, खड़िया एक विशेष प्रकार की मिटटी होती है जिसे लिखनें योग्य कई process से बनाया जाता है मौजूदा समय में भी खड़िया चलन में है और इसका इस्तेमाल मुख्यतः government school (primary + Secondry) calss में किया जाता है कुछ private schools में भी किया जाता है लेकिन शायद कुछ वर्षों के बाद इन schools में भी खड़िया का इस्तेमाल बंद हो जायेगा।
whiteboard + marker का option मौजूद होनें के बाद खड़िया का इस्तेमाल सिर्फ इसलिए किया जाता है क्यूंकि खड़िया marker के मुकाबले काफी सस्ता होता है।
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मोरपंख
ये प्राचीनतम writing tool शामिल है, writing instuments की history ये कहती है की उस समय मौजूद सभी चीजों में कोई अन्य ऐसा best option मौजूद नहीं था जिसका इस्तेमाल लिखनें के लिए किया जा सके लेकिन मोरपंख का आगे का हिस्सा इसके लिए बिल्कुल perfct था ना तो ये नुकीला था और न ही मोटा और इसमें कुछ modification की जरुरत भी नहीं थी, क्यूंकि विभिन्न प्रकार के मोरपंख में से best मोरपंख चुना जा सकता था।
उसके बाद उसी आधार पर लकड़ी के पेन बनाये जाने लगे जिसे सेंठा के name से जाना जाता है शायद बहुत ही कम लोग सेंठा के बारे में जानते होंगे, सेंठा सरपत की देन है, सेंठा सरपत में होने वाली एक प्रकार की लकड़ी होती है, और इसी लकड़ी को ही पेन के रूप में क्यों इस्तेमाल किया गया ये जानना interesting होगा क्यूंकि बहुत सी लकड़ियां मौजूद थी पर सरपत की लकड़ी ही क्यों चुनी गयी Pen के लिए।
क्यूंकि सरपत की लकड़ी का बाहरी हिस्सा शख्त और चिकना होता है और इसके अंदर का हिस्सा काफी soft होता है इसे पेन का आकर देनें के बाद टिकाऊ भी बनता था और इसका अंदर का हिस्सा soft होनें की वजह से ये ink को handle करनें में अधिक capable था।
इसका इस्तेमाल दो तरह से किया जाता था एक तो directly ink में डालकर निकलना और लिखना, और हर कोई जानता है students के मन में बहुत creativity होती है तो इसका इस्तेमाल करनें का दूसरा तरीका students द्वारा खुद से बनाया जाता था हालाँकि सरपत से सेंठा निकालना और उसे पेन बनाना सभी tasks students ही करते थे लेकिन उसमें एक और improvement किया गया जिससे उस पेन के बीच में cut करके थोड़ा सा space कर दिया जाता था ताकि उसमें ink को store किया जा सके और बार बार Pen को ink मे डालनें की जरुरत ना पड़े, चूंकि इसका इस्तेमाल ink के साथ किया जाता था इसलिए एक बार कुछ लिखनें के बाद इसे मिटाया नहीं जा सकता।
Nib पेन
ये पेन उस समय की सबसे latest और modern Pen थी और ये पेन उस समय के अन्य पेन के मुकाबले बहुत अधिक capable थी क्यूंकि nib पेन को बार बार ink डालने की जरुरत नहीं होती थी और इसका reason ये था की nib के ऊपर एक mini ink tank होता था जिसमें काफी अधिक मात्रा में ink store की जा सकती थी और बिना रुके निरंतर लिखा जा सकता था।
pin पेन पूरी तरह से plastic से बना हुवा होता था लेकिन nib steel या iron की होती थी और इसके nib में एक plastic का nib भी होता था जोकि ink tank से connected होता था और वो plastic की nib ink को main nib तक पहुंचाता था जिससे निरंतर लिखा जा सकता था।
One time use पेन
इस तरह की पेन को सिर्फ एक ही बार use किया जा सकता है यदि इसकी ink खत्म हो जाती है तो आप इसमें बाहर से ink नहीं डाल सकते हैं, हालाँकि इसमें डाला गया ink काफी best quality का होता यही reason है की ये long समय तक चलता है।
Refill पेन
Refill पेन ही एक ऐसा पेन है जिसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है ये एक ऐसा पेन होता है जोकि दो अलग अलग part से मिलकर बना होता है first – एक rod जिसमें ink होता है और एक मिनीं nib installed होती है और दूसरा एक Pen size में rod box, और इस rod box में ink rod को डाला जाता है जिसके बाद Pen ready हो जाता है।
और यदि इसकी ink ख़त्म हो जाती है तो इसकी ink rod को change किया जा सकता है जोकि एक पेन खरीदनें से अधिक cheap होता है।
Chemical पेन
ये एक खास तरह का पेन होता है क्यूंकि इस पेन के जरिये लिखे गए text कुछ minutes या hours के बाद स्वतः गायब हो जाते हैं इस पेन का इस्तेमाल कहीं भी करना उचित नहीं होता है क्यूंकि मान लीजिये यदि आप कोई form भरते हैं कोई deal होती है कोई signature होता है तो इस Pen से की गयी जानकारियां स्वतः कुछ minutes बाद गायब हो जाएँगी और वो form, paper empty हो जायेगा जिसे आपनें fill किया था।
Gel पेन
Gel पेन एक तरह से soft पेन होती है आप क्यूंकि जब आप usual पेन से लिखते हैं तो शायद आपको Pen को थोड़ा press करना पड़ सकता है क्यूंकि normal Pens के ink थोड़े hard होते हैं जबकि gel पेन के ink बहुत ही soft होते हैं जिससे की ये पेन writing का एक अलग feel देते हैं।
gel पेन के ink soft होते हैं और वो ink rod से बाहर ना निकले इसलिए rod में ink के ऊपर थोड़ा सा gel डाला जाता है ताकि उस ink को protect किया जा सके, इसका ink soft होता है तो जाहिर सी बात है की इस पेन का ink normal पेन के ink से जल्द चुक जायेगा।
इस पेन का इस्तेमाल हर जगह करना उचित नहीं होता है क्यूंकि यदि soft paper पर इस इसका इस्तेमाल किया जाता है तो इसका ink paper के दूसरी तरफ दिखने लगता है जोकि बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता है वैसे तो यदि आप student हैं तो आप gel पेन का इस्तेमाल अपनीं copies में कर सकते हैं इससे कोई problem नहीं है लेकिन हाँ gel पेन का इस्तेमाल forms, documents के ऊपर नहीं करना चाहिए।
MultiPen rods
इस तरह के पेन multi purpose के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं, पेन की size तो normal पेन जैसी ही रहती है लेकिन उसमें multiple rods insert किये जाते हैं और जिसकी जरुरत हो उसका इस्तेमाल किया जा सकता है इस तरह के पेन में मुख्यतः red और blue rods होते हैं हालाँकि लोग इस तरह के Pens को पसंद नहीं करते हैं बल्कि वो दोनों colour के अलग अलग Pen carry करना पसंद करते हैं।
किरकिरीदार पेन
इस तरह के पेन normally लिखनें के लिए नहीं use होते हैं क्यूंकि क्यूंकि इनके द्वारा लिखे गए words किरकिरीदार होते हैं और normally इस तरह का text कहीं भी allowed नहीं होता है हाँ लेकिन इसका इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के विशेष text में किया जा सकता है और इस तरह से लिखा गया text काफी impressive भी होता है आप इस तरह के पेन का इस्तेमाल मुख्यतः greeting cards, gifts, invitation letter इत्यादि पर कर सकते हैं।
Modern पेन और old पेन में अंतर
old पेन की एक सबसे बड़ी common बात ये थी कि सभी पेन का writing point स्थिर रहता था, यानीं की ink, पेन के writing point तक था और writing point copy पर घर्षण करता रहता था जिससे की लोग उससे लिख पाते थे लेकिन modern Pen उनसे अलग काम करते हैं।
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modern पेन में एक mini ball लगा होता है जोकि लिखते वक्त हमेशा लिखनें की दिशा में घूमता रहता है जिससे की उस mini ball के ऊपर का ink ball को touch करता है और copy पर ball घूमनें के साथ साथ ink उस स्थान पर लगता रहता है और हम जो कुछ भी लिखते हैं वो print होता रहता है।
इस लेख में आपने सीखा Pen kya hai और Pen ka matlab kya hai in Hindi हमें उम्मीद है ये जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यदि आपको ये लेख पसंद आया तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें ताकि वो भी जानकारी हासिल कर सकें की Pen kya hai, Pen ka matlab kya hai। और यदि आपको इस लेख से रिलेटेड कोई समस्या है तो आप कमेंट में उस बारे में पूंछ सकते हैं, जल्द से जल्द रिप्लाई देने का प्रयास किया जाएगा।